कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे आरती लिरिक्स - Kaisi Ye Der Lagayi Maa Durge Aarti Lyrics
कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे आरती लिरिक्स कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी। भव सागर में गीरा पड़ा हूँ, काम आदि गृह में गीरा पड़ा हूँ। मोह आदि जाल में जकड़ा पड़ा हूँ। हे मात मेरी हे मात मेरी॥ कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी। ना मुझ में बल है, ना मुझ में विद्या, ना मुझ ने भक्ति ना मुझ में शक्ति। शरण तुम्हारी आन पड़ा हूँ, हे मात मेरी हे मात मेरी॥ कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी। ना कोई मेरा कुटुम्भ साथी, ना ही मेरा शरीर साथी। आप ही उभारो पकड़ के बाहें, हे मात मेरी हे मात मेरी॥ कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी। चरण कमल की नौका बना कर, माँ पार कर दो ख़ुशी मना कर। यम दूतों को मार भगा कर, हे मात मेरी हे मात मेरी॥ कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी। सदा ही तेरे गुणों को गाऊं, सदा ही तेरे स्वरूप को ध्याऊं। नित प्रति मैया तुझको मनाऊ, हे मात मेरी हे मात मेरी॥ कैसी ये देर लगाई माँ दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी। ना मैं किसी का ना कोई...