मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई लिरिक्स - Mujhe Meri Masti Kaha Leke Aayi Lyrics
मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई लिरिक्स पीले पीले यह रास मीठा है राम का, जो रस पीने से जुबा पे नाम हो घनश्याम का तू पी तेरी दुनिया लुटा के पी, मस्ती में आके पी, इस से जयादा शौंक है तो गुरु के शरण में जा के पी तेरा जब निकल जायेगा जी तो फिर कौन कहेगा पी मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई, जहाँ मेरे अपने सिवा कुछ नहीं है l पता जब लगा मेरी हस्ती का मुझको, सिवा मेरे अपने कहीं कुछ नही है । मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई... सभी में सभी में फकत मैं ही मैं हूँ, सिवा मेरे अपने कहीं कुछ नही है । मुझे मेरी मस्ती कहँ ले के आई... ना दुःख है ना सुख है ना शोक है कुछ भी, अजब है यह मस्ती पीया कुछ नहीं है मुझे मेरी मस्ती कहँ ले के आई... अरे मैं हूँ आनंद आनंद मेरा मस्ती ही मस्ती और कुछ नहीं है मुझे मेरी मस्ती कहँ ले के आई... भ्रम है द्वन्द है जो तुमको हुआ है हटाया जो उसको खदफा कुछ नहीं है मुझे मेरी मस्ती कहँ ले के आई... मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई लिरिक्स - Mujhe Meri Masti Kaha Leke Aayi Lyrics Bhakti Bhajan Song Details Song :- Mujhe Meri Masti Kaha Leke Aayi Singer:- Lyrics :