संदेसे आते हैं हमें तड़पाते हैं लिरिक्स संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं, जो चिट्ठी आती है, वो पूछे जाती है, के घर कब आओगे, लिखो कब आओगे, के तुम बिन ये घर सूना सूना है, किसी दिलवाली ने, किसी मतवाली ने, हमें खत लिखा है, ये हमसे पूछा है, किसी की साँसों ने, किसी की धड़कन ने, किसी की चूड़ी ने, किसी के कंगन ने, किसी के कजरे ने, किसी के गजरे ने, महकती सुबहों ने, मचलती शामों ने, अकेली रातों में, अधूरी बातों ने, तरसती बाहों ने और पूछा है तरसी निगाहों ने, के घर कब आओगे, लिखो कब आओगे, के तुम बिन ये दिल सूना सूना है, संदेसे आते हैं... मोहब्बतवालों ने, हमारे यारों ने, हमें ये लिखा है, कि हमसे पूछा है, हमारे गाँवों ने, आम की छांवों ने, पुराने पीपल ने, बरसते बादल ने, खेत खलियानों ने, हरे मैदानों ने, बसंती बेलों ने, झूमती बेलों ने, लचकते झूलों ने, दहकते फूलों ने, चटकती कलियों ने, और पूछा है गाँव की गलियों ने, के घर कब आओगे, लिखो कब आओगे, के तुम बिन गाँव सूना सूना है, संदेसे आते हैं... कभी एक ममता की, प्यार की गंगा की, जो चिट्ठी आती है, साथ वो लाती है, मेरे दि...