मंदिर जहाँ था फिर वही मंदिर बनाएंगे लिरिक्स - Mandir Jaha Tha Fir Vahi Mandir Banayenge Lyrics
मंदिर जहाँ था फिर वही मंदिर बनाएंगे लिरिक्स है विश्वनाथ बाबा, सबसे बड़ा प्रतापी, उसका ही बनारस है, उसका ही ज्ञानवापी, हम उसका क़र्ज़ सांस ये, दे कर चुकाएंगे, मंदिर जहाँ था, फिर वही मंदिर बनाएंगे, मंदिर जहाँ था, फिर वही मंदिर बनाएंगे, मंदिर जहाँ था, फिर वही मंदिर बनाएंगे, हम भोले के भक्त हैं, फक्कड़ मिज़ाज़ वाले, मस्ती में हैं मगन हम, दुनिया से है निराले, हम काशी विश्वनाथ से, वादा निभाएंगे बाबा, मंदिर जहाँ था, फिर वही मंदिर बनाएंगे, आई भगवे की लहर है, मंदिर है सजने वाला, कैलाशी आये काशी, डमरू है बजने वाला, बस उसके सामने ही अपना सर झुकाएंगे भोले, मंदिर जहाँ था, फिर वही मंदिर बनाएंगे, Shiv ji Ke Bhakti Bhajan Song Song :- Mandir Jaha Tha Fir Vahi Mandir Banayenge Singer:- Hansraj Raghuwanshi Lyrics :- Shekhar Astitwa ऐसे ही सुन्दर भजन आप निचे दी गयी सूचि में देख सखते है गणेश जी के भजन विट्ठलाचे अभंग मराठी राधा कृष्ण के भजन कृष्णाच्या गवळणी मराठी शिव जी के भजन गुरुदेव के भजन माता रानी के भजन दादाजी धुनिवाले के भजन साईं बाबा के भजन देश भक्ति गीत राम जी के भजन फ़िल्मी तर्ज पर भजन