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जिंदगी भर काम करते रह गए भजन लिरिक्स - Jindagi Bhar Kam Karte Rah Gaye Bhajan Lyrics

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जिंदगी भर काम करते रह गए भजन लिरिक्स जिंदगी भर काम करते रह गए,  हरि भजन को हम तरसते रह गए ।। हरि भजन की प्यास तो लगती रही,  बिन गुरु के हम अधूरे रह गए।  जिंदगी भर काम करते रह गए। माया का चक्कर तो यूं ही चला रहा,  और हम उसमें उलझ कर रह गए। जिंदगी भर काम करते रह गए। मन वचन और कर्म से जो कह गए,  नाम उनके ही जगत में रह गए। जिंदगी भर काम करते रह गए। दूसरों का दर्द जिसके दिल में हो,  दुख किसी का आंसू अपने बह गए। जिंदगी भर काम करते रह गए।  Bhakti Bhajan Song Details   Song  :- Jindagi Bhar Kam Karte Rah Gaye Bhajan   Singer:-  Vandana Jangir   Lyrics  :- ऐसे ही सुन्दर भजन आप निचे दी गयी सूचि में देख सखते है गणेश जी के भजन विट्ठलाचे अभंग मराठी राधा कृष्ण के भजन कृष्णाच्या गवळणी मराठी शिव जी के भजन गुरुदेव के भजन माता रानी के भजन दादाजी धुनिवाले के भजन साईं बाबा के भजन देश भक्ति गीत राम जी के भजन फ़िल्मी तर्ज पर भजन हनुमान जी के भजन बधाई गीत आरति संग्रह चालीसा संग्रह

सब तीरथ होते है माँ बाप के चरणों में भजन लिरिक्स - Sab Tirath Hote Hai Maa Baap Ke Charano Me Bhajan lyrics

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सब तीरथ होते है माँ बाप के चरणों में भजन लिरिक्स फिल्मी तर्ज - रातों को उठ उठ कर दिन के लिए रोते है  ले माला रोते हैं,  नित जाप के चरणों में  सब तीरथ होते है,  माँ बाप के चरणों में है बाप दुखी घर में,  भूखी रोय रही अम्मा  बेटा गोबर्धन की,  दे रहो है परकम्मा  इस पुण्य को खोते हैं,  माँ बाप के चरणों में  सब तीरथ होते है,  माँ बाप के चरणों में मंदिर में जो बैठा है,  कोई देव न दूजा है  उससे भी किन्ही है मा बाप की पूजा है  गणपति समझाते हैं,  माँ बाप के चरणों में  सब तीरथ होते है,  माँ बाप के चरणों में न चारों धाम मिलें,  फिर भी तुम जी लेना  माँ बाप के चरणों का,  चरणामृत पी लेना  सब तीरथ होते है,  माँ बाप के चरणों में Bhakti Bhajan Song Details   Song  :-Sab Tirath Hote Hai Maa Baap Ke Charano Me Bhaja   Singer:- Khushal Bharti   Lyrics  :- ऐसे ही सुन्दर भजन आप निचे दी गयी सूचि में देख सखते है गणेश जी के भजन विट्ठलाचे अभंग मराठी राधा कृष्ण के भजन कृष्णाच्या ग...

कर्म है बुरे बुरे और तुम स्वर्ग जाने की बात करते हो लिरिक्स - Karm Hai Bure Bure Aur Tum Sawrg Jane ki Baat Karte ho Lyrics

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 कर्म है बुरे बुरे और तुम स्वर्ग जाने की बात करते हो लिरिक्स फिल्मी तर्ज - आँख है भरी भरी और तुम कर्म है बुरे बुरे और तुम,  स्वर्ग जाने की बात करते हो,  बोये पेड़ बबूल के और तुम,  आम खाने की बात करते हो।। जलाया घर किसी का जो,  जलेगा घर तुम्हारा भी,  दुःखाया दिल किसी का जो,  दुखेगा दिल तुम्हारा भी,  देकर दुःख औरों को और तुम,  सुख पाने की बात करते हो,  कर्म हैं बुरे बुरे और तुम,  स्वर्ग जाने की बात करते हो।। जो औरों के लिये सोचे,  बुरा ख़ुद का बुरा होगा,  जो औरों को गिरायेगा,  वो खुद पहले गिरा होगा,  मन में छल भरा-भरा और तुम,  दर्श पाने की बात करते हो,  कर्म हैं बुरे बुरे और तुम,  स्वर्ग जाने की बात करते हो।। बनाकर वेश साधु का,  कमंडल हाथ में रखकर, ' सजन' हरि गुण नहीं गाया,  कभी विषयो में यूं फसकर,  वासना भरी भरी और तुम,  मुक्ति पाने की बात करते हो,  कर्म हैं बुरे बुरे और तुम,  स्वर्ग जाने की बात करते हो।। करम की है गति न्यारी,  करम परिणाम है न्यारा,  करम न छोड...

जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी लिरिक्स - Jite Bhi Lakdi Marte Bhi Lakdi Lyrics

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जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी लिरिक्स जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी,  देख तमाशा लकड़ी का, क्या जीवन क्या मरण कबीरा, खेल रचाया लकड़ी का, जिसमे तेरा जनम हुआ, वो पलंग बना था लकड़ी का, माता तुम्हारी लोरी गाए, वो पलना था लकड़ी का, जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का, पढने चला जब पाठशाला में, लेखन पाठी लकड़ी का, गुरु ने जब जब डर दिखलाया, वो डंडा था लकड़ी का, जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का, जिसमे तेरा ब्याह रचाया, वो मंडप था लकड़ी का, जिसपे तेरी शैय्या सजाई, वो पलंग था लकड़ी का, जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का, डोली पालकी और जनाजा, सबकुछ है ये लकड़ी का, जनम-मरण के इस मेले में, है सहारा लकड़ी का, जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का, उड़ गया पंछी रह गई काया, बिस्तर बिछाया लकड़ी का, एक पलक में ख़ाक बनाया, ढ़ेर था सारा लकड़ी, जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का, मरते दम तक मिटा नहीं भैया, झगड़ा झगड़ी लकड़ी का, राम नाम की रट लगाओ तो, मिट जाए झगड़ा लकड़ी का, जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का, क्या राजा क्या रंक मनुष ...

कर्म तेरे अच्छे है तो घर ही मथुरा काशी है लिरिक्स - Karm Tere Ache Hai To Ghar Hi Mathura Kashi Hai Lyrics

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कर्म तेरे अच्छे है तो घर ही मथुरा काशी है लिरिक्स कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है,  नियत तेरी अच्छी है तो घर ही मथुरा काशी है, कर न सको अगर पुण्य कोई तो कम से कम मत पाप करो, दिल को चोट पहुँच जाए मत ऐसा किया कलाप करो, इर्षा द्वेष नहीं करता जो वो गृहस्थ सन्यासी है, नियत तेरी अच्छी है तो घर ही मथुरा काशी है, झूठ कभी मत कहो किसी से हर दम सच की राह चलो, बे मानी सी दूर रहो तुम हो कर बेपरवाह चलो, ईश्वर अपनी सतनाओ से सत गुण का अभीलाषी है नियत तेरी अच्छी है तो घर ही मथुरा काशी है, लूट खसोट करो मत हरगिज क्या तुम ले जाओ गे, गला काट कर इंसानो का आखिर तुम क्या पाओगे, रोटा है सतिंदर अंजू जो लो लूप जो बिलाषी है, नियत तेरी अच्छी है तो घर ही मथुरा काशी है, मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजै लिरिक्स मोहन हमारे मधुबन में तुम आया न करो लिरिक्स एक बार हमसे साँवरे नजरे मिलाइये लिरिक्स जी रहा हु कृपा पे तेरी सांवरे लिरिक्स श्याम माखन चुराते चुराते अब तो दिल भी चुराने लगे है़ं लिरिक्स दिलकश तेरा नक्शा है सूरत तेरी प्यारी है लिरिक्स चल री सखी  वृंदावन लिरिक्स चलो वृंदावन चलत...

दुःख ही मानव की संपत्ति है तू क्यों दुःख से घबराता है लिरिक्स - Dukh Hi Manav Ki Sampatti Hai Tu Kyo Dukh Se Ghabrata Hai Lyrics

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दुःख ही मानव की संपत्ति है तू क्यों दुःख से घबराता है लिरिक्स दुःख ही मानव की संपत्ति है, तू क्यों दुःख से घबराता है, सुख आया है तो जाएगा, दुःख आया है तो जाएगा, सुख दे कर जाने वालों से, यह मानव क्यों घबराता है।। मैं सब व्ययन प्रमाद बड़े, दुःख में पुरशाद चमकता है, दुःख की ज्वाला में पक करके, कुंदन सा तेज चमकता है, सुख में सब भुले रहते हैं, दुःख सबकी याद दिलाता है, दुःख ही मानव की संपत्ति है, तू क्यों दुःख से घबराता है।। दुःख है संध्या का लालच विश ही, जिसके पश्चात अंधेरा है, दुःख प्रातः का है झूठ पुता, संग जिसके पश्चात अंधेरा है, दुःख का अभीआसी मानव ही, सुख पर अंधकार जमता है, दुःख ही मानव की संपत्ति है, तू क्यों दुःख से घबराता है।। दुःख के सम्मुख यूं पैर उठे, उनको को इतिहास ना जान सका, दुःख के सम्मुख जो खड़े रहे, जग उनको ही पहचान सका, दुःख तो बस एक कसौटी है, मानव को खराब बनता है, दुःख ही मानव की संपत्ति है, तुम क्यों दुख से घबराता है।। सुन इंसान रे लिरिक्स मत कर तू अभिमान रे बन्दे लिरिक्स इतनी शक्ती हमे देना दाता लिरिक्स मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई लिरिक्स काल करे सो आज करे कबीर दोहे...

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