दादा नाम को जपले बंदे भवसागर तर जाएगा लिरिक्स - Dada Naam Ko Japle Bande Bhavsagar Tar Jayega Lyrics
दादा नाम को जपले बंदे भवसागर तर जाएगा लिरिक्स फिल्मी तर्ज - चढ़ता सूरज धीरे धीरे लिया नाम दादा जहां जहां जैसे जैसे कटे पाप मेरे वहाँ वैसे वैसे आज संभलजा फिर ये मौका हाथ न तेरे आएगा धन दौलत जागीर से तूने क्या पाया क्या पायेगा दादा नाम को जपले बंदे भव सागर तर जाएगा जिंदगी एक नाटक है और तू इसका नायक है दादा नाम जी लेना सुख शांति दायक है इस लिए मै कहता हु क्यों मजाक माने है बन जा तु भी कटपुतली डोर दादा थामे है दादा नाम को जपने वाले भव सागर तर जाएगा धन दौलत जागीर से तूने क्या पाया क्या पायेगा दादा नाम को जपले बंदे भव सागर तर जाएगा डंडा हाथों मे रखकर डंडे वाले कहलाते धुनि को रमाकर के धनिवाले कहलाते तन पे कोई वस्त्र नहीं जाड़ा गर्मी सहते है मेरे मन के मंदिर मे दादाजी ही रहते है दादा नाम ही तेरे सारे दुखड़ों को मिटाएगा धन दौलत जागीर से तूने क्या पाया क्या पायेगा दादा नाम को जपने वाले भव सागर तर जाएगा दूर से लाखों लोग यहाँ पर आते है दादाजी के चरणों मे आर्जिया लगाते है दादा नाम रटते है दादा नाम गाते है दुखड़ों को मिटा करके खुशियां लेके जाते है दादा धाम पे आने वाले सारी दुनिया पाय