हरी नाम नही होता तो भक्तो का क्या होता लिरिक्स - Hari Naam Nahi Hota To Bhakto ka Kya Hota Lyrics
हरी नाम नही होता तो भक्तो का क्या होता लिरिक्स शायरी भगवान की अदालत में वकालत नही होती अगर एक बार सजा हो जाये तो जमानत नही होती ** हरी भजन हरी नाम नही होता तो भक्तो का क्या होता हर एक समस्या का समाधान कहा होता पंडित भी हजारो है विद्वान भी देखे है लेकिन रावन के जैसा शिव भक्त कहा होता हरी नाम नही होता तो भक्तो का क्या होता दानी भी हजारो है दान भी करते है कन्या दान के जैसा कोई दान कहा होता हरी नाम नही होता तो भक्तो का क्या होता मेहमान हजारो है मेहमानी भी होती है सुदामा के जैसा मेहमान कहा होता हरी नाम नही होता तो भक्तो का क्या होता प्रेमी भी हजारो है और प्यार भी करते है लेकिन मीरा के जैसा प्रेम कहा होता हरी नाम नही होता तो भक्तो का क्या होता गुरुदेव के भजन यहा पर देख सकते है मोहे लागी लगन गुरु चरणन की भजन चली जा रही है उमर धीरे धीरे भजन हरयाणवी गाना माटी में मिले माटी पानी में पानी अरे अभिमानी पाप की नगरिया में पुण्य कब कमाओगे जनम अनमोल रे जहर मत घोल रे गुरूदेव की कुटिया को मैंने फूलो से सजाया है हे ग