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आरती हो रही रे माई तोरी ध्वजा लाल लहराये लिरिक्स - Aarti Ho Rahi Re Mayi Tori Dhwaja Lal Lahraye Lyrics

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आरती हो रही रे माई तोरी ध्वजा लाल लहराये लिरिक्स या देवी सर्वभूतेशु  सर्व मंगला चारिणी  या देवी शारदे  मात पीड़ा वारनी  आरती हो रही रे माई तोरी  ध्वजा लाल लहराये मैहर वाली मात भवानी  शारद सब सुखियन की खानी जगमग ज्योत दिखायी हे मैया तोरी  जगमग ज्योत दिखायी आरती हो रही रे माई तोरी  ध्वजा लाल लहराये पर्वत ऊपर बनो दिवाला  उज्वल नैनो में तेज निराला  पंडा होम लगाये  हे मैया तोरा पंडा होम लगाये  आरती हो रही रे माई तोरी  ध्वजा लाल लहराये फूलन वर्षा देव करत है  सुर नर मुनि सब ध्यान करत है  हनुमत शंख बजाये हे मैया तोरो हनुमत शंख बजाये आरती हो रही रे माई तोरी  ध्वजा लाल लहराये Mata Rani ke Bhakti Bhajan Song   Song  :-Aarti Ho Rahi Re Mayi Tori Dhwaja Lal Lahraye   Singer:-Sanjo Baghel   Lyrics  :-Vinod Sen ऐसे ही सुन्दर भजन आप निचे दी गयी सूचि में देख सखते है गणेश जी के भजन विट्ठलाचे अभंग मराठी राधा कृष्ण के भजन कृष्णाच्या गवळणी मराठी शिव जी के भजन गुरुदेव के भजन माता रानी के भजन दादाजी धुनिवाले के भजन साईं बाबा के भजन देश भक्ति गीत राम जी के भजन फ़िल्मी तर्ज पर भजन हनुमान जी के भजन बधाई गीत आरति

गणपति की सेवा मंगल मेवा लिरिक्स - Ganapati Ki Seva Mangal Meva Lyrics

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गणपति की सेवा मंगल मेवा लिरिक्स गणपति की सेवा मंगल मेवा, सेवा से सब विघ्न टरैं। तीन लोक के सकल देवता, द्वार खड़े नित अर्ज करैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥ रिद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विराजें, अरु आनन्द सों चमर करैं। धूप-दीप अरू लिए आरती भक्त खड़े जयकार करैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥ गुड़ के मोदक भोग लगत हैं मूषक वाहन चढ्या सरैं। सौम्य रूप को देख गणपति के विघ्न भाग जा दूर परैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥ भादो मास अरु शुक्ल चतुर्थी दिन दोपारा दूर परैं। लियो जन्म गणपति प्रभु जी दुर्गा मन आनन्द भरैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥ अद्भुत बाजा बजा इन्द्र का  देव बंधु सब गान करैं। श्री शंकर के आनन्द उपज्या नाम सुन्यो सब विघ्न टरैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥ आनि विधाता बैठे आसन, इन्द्र अप्सरा नृत्य करैं। देख वेद ब्रह्मा जी जाको विघ्न विनाशक नाम धरैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥ एकदन्त गजवदन विनायक त्रिनयन रूप अनूप धरैं। पगथंभा सा उदर पुष्ट है देव चन्द्रमा हास्य करैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥ दे शराप श्री चन्द्रदेव को कलाहीन तत्काल करैं। चौदह लोक में फिरें गणपति तीन लोक में राज्य करैं॥ गणप

हे काली माई तोरी आरती उतार लेउ माँ लिरिक्स - He Kali Mayi Tori Aarti Utar Leu Maa Lyrics

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हे काली माई तोरी आरती उतार लेउ माँ लिरिक्स हे काली माई तोरी आरती उतार लेउ माँ, आरती उतार लेउ माँ  मात मोरी आरती उतार लेउ माँ, हे काली माई तोरी आरती उतार लेउ माँ धुप और कपूर जलाऊ तोहे माता, पान और फूल चड़ाउ तोहे माता, चरण पखार लेउ माँ,  मात मोरी आरती उतार लेउ माँ, हे काली माई तोरी आरती उतार लेउ माँ झांझ मजीरा से जस तोरे गाऊ, निष् दिन मैया तोरी आरती गाऊ, पार लगाए देऊ माँ,  मात मोरी आरती उतार लेउ माँ, हे काली माई तोरी आरती उतार लेउ माँ चुन चुन बगिया से फूलवा मँगाउ, फुलवा मांगउ माई हार बनाऊ माँ, हार पहनाये देऊ माँ,  मात मोरी आरती उतार लेउ माँ, हे काली माई तोरी आरती उतार लेउ माँ Kali Mata Ki Aarti Details   Song  :- He Kali Mayi Tori Aarti Utar Leu Maa   Singer:- Shahnaaz Akhtar & Bairagi Maharaj Ji   Lyrics  :- Bairagi ऐसे ही सुन्दर भजन आप निचे दी गयी सूचि में देख सखते है गणेश जी के भजन विट्ठलाचे अभंग मराठी राधा कृष्ण के भजन कृष्णाच्या गवळणी मराठी शिव जी के भजन गुरुदेव के भजन माता रानी के भजन दादाजी धुनिवाले के भजन साईं बाबा के भजन देश भक्ति गीत राम जी के भजन फ़िल्मी तर्ज

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती आरती लिरिक्स - Jai Dev Jai Dev Mangalmurti Aarti Lyrics (Ganesh Ji Ki Aarti )

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती आरती लिरिक्स सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची कंठी झडके माल मुक्ताफळाची || १ || जय देव जय देव जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ओ मंगलमूर्ती दर्शनमात्रेमन कामनापुरती रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा हिरे जडित मुकुट शोभतोबरा रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया || 2 || जय देव जय देव जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ओ मंगलमूर्ती दर्शनमात्रेमन कामनापुरती लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना दास रामाचा वाट पाहे सदना संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना || ३ || जय देव जय देव जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ओ मंगलमूर्ती दर्शनमात्रेमन कामनापुरती गणेश जी कि आरती शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को लिरिक्स जय गणेश जय गणेश देवा आरती लिरिक्स जय शिव ओंकारा आरती लिरिक्स गणपति की सेवा मंगल मेवा लिरिक्स गणेश जी कि आरती   Song  :-Jai Dev Jai Dev Mangalmurti Aarti   Singer:- Kanhiya Mittal   Lyrics  :-Kanhiya Mittal ऐसे ही सुन्दर भजन आप निचे दी गयी सूचि में देख सखते है गणेश जी के भजन विट्ठलाचे अभंग मराठी

गणेश जी कि आरती लिरिक्स - Ganesh ji ki Aarti Lyrics

गणेश जी कि आरती लिरिक्स जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती आरती लिरिक्स सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची कंठी झडके माल मुक्ताफळाची || १ || जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ती ओ मंगलमूर्ती दर्शनमात्रेमन कामनापुरती रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा हिरे जडित मुकुट शोभतोबरा रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया || 2 || जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ती ओ मंगलमूर्ती दर्शनमात्रेमन कामनापुरती लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना दास रामाचा वाट पाहे सदना संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना || ३ || जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ती ओ मंगलमूर्ती दर्शनमात्रेमन कामनापुरती जय गणेश जय गणेश देवा आरती लिरिक्स जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा || जय गणेश... एक दन्त दयावंत चार भुजा धारी, मस्तक सिंदूर सोहे मुस की सवारी || जय गणेश... अन्धन को आँख देत कोढ़ीन को काया, बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया || जय गणेश... हार चढ़े फुल चढ़े और चढ़े मेवा, लडूअन का भोग लगे संत करे सेवा || जय गणेश... दीनन

श्री दुर्गा माता की आरती लिरिक्स - Shri Durga Mata Ki Aarti Lyrics

श्री दुर्गा माता की आरती लिरिक्स जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी  जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी तुमको निसदिन ध्यावत मैयाजी को निसदिन ध्यावत हरि ब्रम्हाशिवरी ओम जय अम्बे गौरी मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को उज्ज्वल से दो नैना चंद्रवदन नीको ओम जय अम्बे गौरी कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै रक्तपुष्प गलमाला कण्ठन पर साजै ओम जय अम्बे गौरी केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुखहारी ओम जय अम्बे गौरी कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती कोटिक चन्द्र दिवाकर सम राजत ज्योति ओम जय अम्बे गौरी शुम्भ-निशुम्भ बिदारे महिषासुर घाती धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती ओम जय अम्बे गौरी चण्ड-मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे मधु कैटभ दोउ मारे सुर भयहीन करे ओम जय अम्बे गौरी ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी आगम-निगम बखानी तुम शिव पटरानी ओम जय अम्बे गौरी चौंसठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरव बाजत ताल मृदंगा और बाजत डमरु ओम जय अम्बे गौरी तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता भक्तन की दु:ख हरता सुख सम्पत्ति करता ओम जय अम्बे गौरी भुजा चार अति शोभित वरमुद्रा धारी मनवान्छित फल पावत सेवत नर-नारी ओम जय अम्बे गौर

नये भजन आप यहाँ से देख सकते है

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