मन में बसाकर तेरी मूर्ति उतारू माँ अम्बे तेरी आरती लिरिक्स - Man Me Basakar Teri Murati Utaru Maa Ambe Teri Aarti Lyrics
मन में बसाकर तेरी मूर्ति उतारू माँ अम्बे तेरी आरती लिरिक्स
मन में बसाकर तेरी मूर्ति,उतारू माँ अम्बे तेरी आरती॥
करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो अम्बे
भव में फसी नाव मेरी तार दो अम्बे
दर्द की दवा तुम्हरे पास है,
जिंदगी दया की है भीख मांगती,
मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू माँ अम्बे तेरी आरती॥
मांगु तुझसे क्या मै यही सोचु मैया
जिंदगी जब तेरे नाम करदी मैया
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा,
चिंता है तुझको माता संसार की,
मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू माँ दुर्गे तेरी आरती॥
हम तो तेरी पूजा करे संत करे ध्यान,
नारद गुणगान करे छेड़े वीणा तान,
भक्त तेरे द्वार करते है पुकार,
दास तेरे मिलकर गाये आरती,
मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू माँ अम्बे तेरी आरती॥
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा,
चिंता है तुझको माता संसार की,
मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू माँ दुर्गे तेरी आरती॥
हम तो तेरी पूजा करे संत करे ध्यान,
नारद गुणगान करे छेड़े वीणा तान,
भक्त तेरे द्वार करते है पुकार,
दास तेरे मिलकर गाये आरती,
मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू माँ अम्बे तेरी आरती॥
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