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ज़रा इतना बता दे कान्हा लिरिक्स - Jara Itana Bata De Kanha Lyrics

ज़रा इतना बता दे कान्हा लिरिक्स ज़रा इतना बता दे कान्हा,  कि तेरा रंग काला क्यों, काला होकर भी जग से,  इतना निराला क्यों, मैंने काली रात में जन्म लिया,  मैंने काली गाय का दूध पीया, कज़रे का रंग भी काला,  कमली का रंग भी काला, रातों का रंग भी काला,  गायों का रंग भी काला, इसलिए मैं काला, ज़रा इतना बता दे कान्हा,  कि तेरा रंग काला क्यों, मैंने काली पूतना को मार दिया,  मैंने कालिया फन पर नाच किया, पूतना का रंग भी काला,  नागों का रंग भी काला, इसलिए मैं काला, ज़रा इतना बता दे कान्हा,  कि तेरा रंग काला क्यों, सखी रोज़ ही मुझे बुलाती है,  और माखन मिश्री खिलाती है, सखिओं का मन भी काला, नजरें का रंग भी काला, इसी लिए मै काला, ज़रा इतना बता दे कान्हा,  कि तेरा रंग काला क्यों,   और काला होकर भी जग से,  इतना निराला क्यों, ज़रा इतना बता दे कान्हा,  कि तेरा रंग काला क्यों ज़रा इतना बता दे कान्हा लिरिक्स - Jara Itana Bata De Kanha Lyrics Bhakti Bhajan Song Details   Song  :- Jara Itana Bata De Kanha    Singer:-     Lyrics  :-  ऐसे ही सुन्दर भजन आप निचे दी गयी सूचि में देख सखते है गणेश जी के

कर चले हम फ़िदा जान ओ तन साथियों लिरिक्स - Kar Chale Ham FidaJanoTan Sathiyo Lyrics

कर चले हम फ़िदा जान ओ तन साथियों लिरिक्स कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों  अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों हां हां… साँस थमती गई नब्ज़ जमती गई फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं सर हिमालय का हमने न झुकने दिया मरते मरते रहा बाँकापन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों कर चले हम फ़िदा… ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर जान देने की रुत रोज़ आती नहीं हुस्न और इश्क़ दोनों को रुसवा करे वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं आज धरती बनी है दुल्हन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों कर चले हम फ़िदा… राह क़ुर्बानियों की न वीरान हो तुम सजाते ही रहना नये क़ाफ़िले फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले बांधलो अपने सर से कफ़न साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों कर चले हम फ़िदा… खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर इस तरफ़ आने पाये न रावण कोई तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे छूने पाये न सीता का दामन कोई राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन सा

कितना प्यारा है श्रृंगार लिरिक्स - Kitna Pyara Hai Shringar Lyrics

कितना प्यारा है श्रृंगार लिरिक्स कितना प्यारा है श्रृंगार कि तेरी लेऊँ नज़र उतार कितना प्यारा है सांवरिया तुमको किसने सजाया है तुझे सुन्दर से सुन्दर गजरा पहनाया है ओ कितना प्यारा है श्रृंगार कि तेरी लेऊँ नज़र उतार कितना प्यारा है केशर चन्दन तिलक लगाकर सज धज कर के बैठ्यो है लग गए तेरे चार चाँद जो पहले तो निहार  कितना प्यारा है ओहो कितना प्यारा है श्रृंगार कि तेरी लेऊँ नज़र उतार कितना प्यारा है सांवरिया तेरा चेहरा चमकता है तेरा कीर्तन बहुत बड़ा दरबार महकता है ओ हो, कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी लेऊँ नज़र उतार कितना प्यारा है किसी भगत से कह कर कान्हा काली टिकी लगवाले या फिर तू बोले तो लेऊँ नूनराई वार कितना प्यारा है ओहो कितना प्यारा हैं श्रृंगार की तेरी लेऊँ नज़र उतार कितना प्यारा हैं सांवरिया तेरे भगतो को तेरी फ़िक्र कही लग ना जाये तुझे दुनिया की बुरी नज़र ओ हो, कितना प्यारा हैं श्रृंगार कि तेरी लेऊँ नज़र उतार कितना प्यारा है पता नहीं तू किस रंग का है आज तलक ना जान सकी बनवारी हमने देखे हैं तेरे रंग हजार, कितना प्यारा हैं ओ हो, कितना प्यारा है श्रृंगार की तेरी लेऊँ नज़र उत

आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की लिरिक्स - Aao Bachcho Tumhe Dikhaye Jhaki Hindustan Ki Lyrics

आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की लिरिक्स  आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की  इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की वंदे मातरम... उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है बाट-बाट में हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की इस मिट्टी से... ये है अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की इस मिट्टी से... देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था हर पर्वत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था घेर शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की इस मिट्टी से... जलियाँवाला बाग ये देखो यहीं चली थी गोलियाँ ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ एक तरफ़ बंदूकें दन दन, एक तरफ़ थी टोलियाँ मरनेवाले बोल र

श्री राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे लिरिक्स - Shree Radhe Radhe Barsane Wali Radhe Lyrics

श्री राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे लिरिक्स श्रीमन नित्यनिपुंजबिहारण्ये नमः श्री राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे श्री राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे नाम महाधन है अपनो नहीं दूसरी सम्पति और कमानी छोड़ अटारी अटा जग के हमको कुट्टिया ब्रज मा ही बनानी हमको कुट्टिया ब्रज मा ही बनानी टूक मिले रशिको के सदा और पिवन को यमुना जल पानी हमे औरान की परवाह नहीं अपनी ठाकुरानी श्री राधिका रानी अपनी ठाकुरानी श्री राधिका रानी जय राधे राधे, राधे राधे बृजभान दुलारी राधे राधे भक्तों की प्यारी राधे राधे हो श्यामा प्यारी राधे राधे हरिदास दुलारी राधे राधे रसिकों की प्यारी राधे राधे हमारी प्यारी राधे राधे तुम्हारी प्यारी राधे राधे हम सबकी प्यारी राधे राधे हो प्यारी प्यारी राधे राधे हो प्यारी प्यारी राधे राधे जय राधे राधे, राधे राधे जय राधे राधे, राधे राधे बृंदावन में राधे राधे सुनरक गांव में राधे राधे कालीदह पर राधे राधे अदतयपत में राधे राधे तान गली में राधे राधे मान गली में राधे राधे ओ मान गली में राधे राधे गोकुंज गली में राधे राधे शिवा कुञ्ज में

छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी लिरिक्स - Chhodo Kal Ki Bate Kal Ki Baat Purani Lyrics

छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी लिरिक्स  छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी  नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी आज पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं चांद के दर पर जा पहुंचा है आज ज़माना नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी हम हिन्दुस्तानी... हमको कितने ताजमहल हैं और बनाने कितने हैं अजंता हम को और सजाने अभी पलटना है रुख कितने दरियाओं का कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने नया खून है... आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएं अपने हाथों से अपना भगवान बनाएं राम की इस धरती को गौतम की भूमि को सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएं नया खून है... दाग गुलामी का धोया है जान लुटा के दीप जलाए हैं ये कितने दीप बुझा के ली है आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को रखना होगा हर दुश्मन से आज बचा के नया खून है... हर ज़र्रा है मोती आँख उठाकर देखो मिट्टी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो सोने की ये गंगा है चांदी की जमुना चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो नया खून है... छोड़ो कल की बातें कल की बात प

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