उज्जैन के राजा कभी क्रीपा नजरिया लिरिक्स - Ujjain Ke Raja Kabhi Kripa Najariya Lyrics
उज्जैन के राजा कभी क्रीपा नजरिया लिरिक्स उज्जैन के राजा कभी क्रीपा नजरिया दुखीया पे डालना रे ओ भोले राजा पिते हे प्याले भर भर के भंगीया लगाते है दम भोले दिन और रतिया भोले तेरा भक्त हू मे बहुत ही दिवाना ये किशन सिर्फ है बाबा तेरा दिवाना क्रीपा कर डालना रे ओ भोले बाबा उज्जैन के राजा कभी क्रीपा नजरिया दुखीया पर डालना रे ओ भोले राजा नैनो मे ज्वाला आँखो मे ज्वाला जटा मे गंगा पहने म्रग छाला खुलती है जब उनकी तीसरी वो अखिया टांडव कर डालना र ओ भोले राजा उज्जैन के राजा कभी क्रीपा नजरिया दुखीया पर डालना रे ओ भोले राजा पार्वती पति शिव जी है प्यारे कैलाश पर मेरे भोले विराजे मनकामनेश्वर बाबा मन की मुरादे झोली मे डालना रे ओ भोले राजा उज्जैन के राजा कभी क्रीपा नजरिया दुखीया पर डालना रे ओ भोले राजा भोले पिते है भंगीया ,भोले पिते है भंगीया भोले पिते है भंगीया ,भोले पिते है भंगीया अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चंडाल का और काल मेरा क्या बिगाडे में भक्त हु महांकाल का भोले पिते है भंगीया ,भोले पिते है भंगीया भोले पिते है भंगीया ,भोले पिते है भंगीया इरादे रोज बनते है और बनकर टुट जाते है वही उज्जैन जाते है