महाकाल की नगरी में मकान होना चाहिए लिरिक्स - Mahakal Ki Nagari Me Makan Hona Chahiye Lyrics
महाकाल की नगरी में मकान होना चाहिए लिरिक्स
महाकाल की नगरी में,
मकान होना चाहिए,
हर दिन बाबा तेरे,
दर पे में आऊँगा,
रोज सुबह शाम तेरे,
दर्शन पाऊँगा,
मुझको तो रोज,
तेरा दर्शन चाहिए,
महाकाल की नगरी में,
मकान होना चाहिये
मकान होना चाहिए,
हर दिन बाबा तेरे,
दर पे में आऊँगा,
रोज सुबह शाम तेरे,
दर्शन पाऊँगा,
मुझको तो रोज,
तेरा दर्शन चाहिए,
महाकाल की नगरी में,
मकान होना चाहिये
आपका तो लगता है,
एक ही सपना,
बाबा महाकाल जपना,
और महाकाल अपना,
क्षिप्रा जी में नहाकर,
माँ हरसिद्धि भी जाऊँगा,
चिंतामन गणेश जाकर,
चिंता मिटाऊँगा,
काल भैरव बाबा के भी,
दर्शन मुझे चाहिए,
महाकाल की नगरी में,
मकान होना चाहिये
ना पैसा लगता है,
ना खर्चा लगता है,
बाबा महाकाल बोलिए,
बड़ा अच्छा लगता है,
तेरी ही कृपा से बाबा,
सारा ये संसार है,
किशन भगत पर भी तो बाबा,
तेरा आशीर्वाद है,
तेरी ही कृपा से सारे,
काम होना चाहिए,
महाकाल की नगरी में,
मकान होना चाहिये।
महाकाल तुम से छुप जाये,
ऐसी कोई बात नहीं,
कृपा तेरी मुझ पर है,
मेरी कोई औकात नहीं,
ओम नमः शिवाय,
ओम नमः शिवाय,
मुझको तो बस,
महाकाल बाबा चाहिए,
महाकाल की नगरी में,
मकान होना चाहिये
Bhakti Bhajan Song Details
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