मुरली वाले ने घेर लई अकेली पनिया गई लिरिक्स - Murali Wale Ne Gher Lai Akeli Paniya Gayi Lyrics

मुरली वाले ने घेर लई अकेली पनिया गई लिरिक्स

निकली नगर से कभी अकेली 
जब भी निकली संग सखी सहेली
एक छलिये को देख के अपना 
सुधबुध भूल गई 
मुरली वाले ने घेर लई 
अकेली पनिया गई

मै तो गई थी जमुना तट पे 
कान्हा खड़ा था रे पनघट पे 
खड़ी मुझको री देर भई 
अकेली पनिया गई
मुरली वाले ने घेर लई 
अकेली पनिया गई

श्याम ने मेरी चुनरी झटकी
सर से मेरे गिर गई मटकी 
बैरी बैया मरोड़ गई 
अकेली पनिया गई
मुरली वाले ने घेर लई 
अकेली पनिया गई

बड़ा नटखट है श्याम सावरिया 
रंग डारी मेरी कोरी चुनरिया 
मेरी गागरिया फोड़ दई 
अकेली पनिया गई
मुरली वाले ने घेर लई 
अकेली पनिया गई

लाख कही पर एक ना मानी 
भरने ना दे वो मोहे पानी 
मारे लाज के मै मर गई 
अकेली पनिया गई
मुरली वाले ने घेर लई 
अकेली पनिया गई


krishna gavlan Bhakti Bhajan Song

 Song  :- Murali Wale Ne Gher Lai Akeli Paniya Gayi

 Singer:- GUNJAN PANDEY

 Lyrics  :-



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