चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा लिरिक्स - Chadta Suraj Dheere Dheere Dhalta hai Dhal Jayega Lyrics
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा लिरिक्स
आज जवानी पर इतराने वाले कल पछतायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा
ढल जायेगा ढल जायेगा...
तू यहाँ मुसाफिर है ये सराये फानी है
चार दिन की मेहमां ये तेरी जिंदगानी है
ज़र जमी ज़र जेवर कुछ ना साथ जायेगा
खाली हाथ आया है खाली हाथ जायेगा
जानकर भी अंजाना बन रहा है दीवाने
अपनी उम्र ए फानी पर तन रहा है दीवाने
किस कदर तू खोया है इस जहान के मेले में
तू खुदा को भुला है फंस के इस झमेले में
आज तक ये देखा है पाने वाला खोता है
जिंदगी को जो समझा जिन्दगी पे रोता है
मिटनेवाली दुनिया का एतबार करता है
क्या समझ के तू आखिर इसे प्यार करता है
अपनी अपनी फ़िक्र में जो भी है वो उलझा है
जिंदगी हकीकत में क्या है कौन समझा है
आज समझले ...
आज समझले कल ये मौका हाथ न येरे आयेगा
ओ गफ़लत की नींद में सोनेवाले धोखा खायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा
मौत ने ज़माने को ये समा दिखा डाला
कैसे कैसे रुस्तम को खाक में मिला डाला
याद रख सिकंदर के हौसले तो आली थे
जब गया था दुनिया से दोनों हाथ खाली थे
कल जो तनके चलते थे अपनी शानों शौकत पर
शमा तक नही जलती आज उनकी तुरबत पर
जैसी करनी....
जैसी करनी वैसी भरनी आज किया कल पायेगा
सरको उठाकर चलनेवाले एक दिन ठोकर खायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा
मौत सबको आनी है कौन इससे छुटा है
तू फना नही होगा ये ख्याल झूठा है
साँस टूटते ही सब रिश्ते टूट जायेंगे
छिनकर तेरी दौलत तुझको भूल जायेंगे
क्यों फ़साये बैठा है जान अपनी मुश्किल में
दम का क्या भरोसा है जाने कब निकल जाये
मुट्ठी बांधके आने वाले....
मुट्ठी बांधके आने वाले हाथ पसारे जायेगा
धन दौलत जागीर से तूने क्या पाया क्या पायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा क़व्वाली लिरिक्स -
Chadta Suraj Dheere Dheere Dhalta hai Dhal Jayega Qawwali Lyrics Hindi
Chadta Suraj Dheere Dheere Dhalta hai Dhal Jayega Qawwali Lyrics Hindi
Qawwali Lyrics in Hindi
Original Singer - Aziz Naza
Lyrics - Qaisar Ratnagirvi
Singer - Manoj Gwalior
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