पर्दे के पीछे जो पर्दा नशीं है भजन लिरिक्स -Parde Ke piche Parda Nashi Bhajan Lyrics
पर्दे के पीछे जो पर्दा नशीं है भजन लिरिक्स
पर्दे के पीछे जो पर्दा नशीं है ,मेरा सांवरा है वो मुझको यकीं है ,
पर्दे में रहने की आदत पड़ी है,
रुलाने की जाने की आदत पड़ी है,
दिल लूटने का बड़ा ही शौकीन की है ..
पर्दे में रहने की आदत पड़ी है,
रुलाने की जाने की आदत पड़ी है,
दिल लूटने का बड़ा ही शौकीन की है ..
पर्दे के पीछे जो
तलबगार है उसका सारा जमाना
तलबगार है उसका सारा जमाना
कोई उसका पागल है कोई है दीवाना
जलवा ये दीदार जोहरे जमी है
पर्दे के पीछे जो
हर कोई बैठा है पलके बिछाए,
कब बाहर आए वो कब बाहर आए,
आएगा बाहर वो यही है कहीं है ..
पर्दे के पीछे जो
बढ़ती 'मधुप' जब दिल ए बेकरारी,
आता है बाहर हो बांके बिहारी,
रंगीला रसीला हो बड़ा ही हंसी है ..
बढ़ती 'मधुप' जब दिल ए बेकरारी,
आता है बाहर हो बांके बिहारी,
रंगीला रसीला हो बड़ा ही हंसी है ..
पर्दे के पीछे जो
पर्दे के पीछे जो पर्दा नशीं है भजन लिरिक्स -
Parde Ke piche Parda Nashi Bhajan Lyrics hindi
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