तोरा मन दर्पन कहलाये लिरिक्स - Tora Man Darpan Kahlaye Lyrics
तोरा मन दर्पन कहलाये लिरिक्स
तोरा मन दर्पन कहलाये
प्राणी अपने प्रभु से पूछे किस विधी पाऊँ
तोहे प्रभु कहे तु मन को पा ले, पा जयेगा मोहे
तोरा मन दर्पण कहलाये - २
भले बुरे सारे कर्मों को, देखे और दिखाये
तोरा मन दर्पण कहलाये - २
मन ही देवता, मन ही ईश्वर,
मन से बड़ा न कोय मन उजियारा
जब जब फैले, जग उजियारा होय
इस उजले दर्पण पे प्राणी, धूल न जमने पाये
तोरा मन दर्पण कहलाये - २
सुख की कलियाँ, दुख के कांटे,
मन सबका आधार मन से कोई बात छुपे ना,
मन के नैन हज़ार जग से चाहे भाग लो कोई,
मन से भाग न पाये
तोरा मन दर्पण कहलाये - २
तन की दौलत ढलती छाया
मन का धन अनमोल तन के कारण
मन के धन को मत माटि मेइन रौंद
मन की क़दर भुलाने वाला हीराँ जनम गवाये
तोरा मन दर्पण कहलाये
Bhakti Bhajan Song Details
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