काल करे सो आज करे कबीर दोहे लिरिक्स - Kal Kare So Aaj Kare Kabir Dohe Lyrics
काल करे सो आज करे कबीर दोहे लिरिक्स
काल करे सो आज करेआज करे सो अब
पल में परलय होयेगी
बहुरी करेगा कब
कबीरा....
बुरा जो देख मैं चला
बुरा ना मिलया कोई
जो मन खोजा आपका
मुझसे बुरा ना कोई
बुरा जो देख मैं चला
बुरा ना मिलया कोई
जो मन खोजा आपका
मुझसे बुरा ना कोई
कबीरा....
दुख में सुमिरन सब करे
सुख में करे ना कोई
जो सुख में सुमिरन करे
तो दुख कहे होए
दुख में सुमिरन सब करे
सुख में करे ना कोई
जो सुख में सुमिरन करे
तो दुख कहे होए
कबीरा....
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ
पंडित भया ना कोई
ढाई अक्षर प्रेम का
पढ़े सो पंडित होय
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ
पंडित भया ना कोई
ढाई अक्षर प्रेम का
पढ़े सो पंडित होय
कबीरा....
माटी कहे कुम्हार से
तू क्या रौंदे मोय
एक दिन ऐसा आयेगा
मैं रौंदूंगी तोय
कबीरा....
मेरा मुझे कुछ नहीं
जो कुछ है सो तेरा
तेरा तुझको सौंपते
क्या लागे है मेरा
मेरा मुझे कुछ नहीं
जो कुछ है सो तेरा
तेरा तुझको सौंपते
क्या लागे है मेरा
कबीरा....
निंदक नियरे राखिये
आंगन कुटी छवाई
बिन पानी साबुन बिन
निर्मल करे सुहाय
कबीरा....
काल करे सो आज करे कबीर दोहे लिरिक्स - Kal Kare So Aaj Kare Kabir Dohe Lyrics
Bhakti Bhajan Song Details
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें