मोर छड़ी लहराई रे लिरिक्स - Mor Chadi Laharayi Re Lyrics
मोर छड़ी लहराई रे लिरिक्स
।। दोहा ।।मेट दिये भक्तो के संकट, तूने बातो ही बात में।
खाटू वाले जब लहराई, मोर छड़ी तेरे हाथ में।
मोर छड़ी लहराई रे।
रसिया ओ सांवरा ,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे।
श्याम बहादुर दर्शन को आये ,
ताले मंदिर के बंद पाये।
मोर छड़ी से ताले को खोला ,
शीश झुका कर बाबा से बोला।
रसिया ओ सांवरा ,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे।
मोर छड़ी लहराई रे। टेर।
मोर छड़ी का जादू निराला ,
इसको थामे है खाटू वाला।
लीले चढ़ के दौड़ा ये आये ,
सारे संकट पल में मिटाये।
रसिया ओ सांवरा ,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे।
मोर छड़ी लहराई रे। टेर।
मोर छड़ी की महिमा है भारी ,
श्याम धणी को लागे है प्यारी।
हर्ष कहे रोतो को हसाये ,
हाथो में जब तेरे लहराये।
रसिया ओ सांवरा ,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे
मोर छड़ी लहराई रे।
मोर छड़ी लहराई रे लिरिक्स - Mor Chadi Laharayi Re Lyrics
Bhakti Bhajan Song Details
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें