मैं हूँ नहीं तेरे प्यार के काबिल लिरिक्स - Mai Hu Nahi Tere Pyar Ke Kabil Lyrics

मैं हूँ नहीं तेरे प्यार के काबिल लिरिक्स

नन्दलाल गोपाल दया करके 
रख चाकर अपने द्वार मुझे 
धन और दौलत चाह नहीं 
प्रभु दे दो अपना प्यार मुझे 
तेरे प्यार में इतना खो जाऊ 
पागल समझे संसार मुझे 
जब दिल अपने में झाँकू मै 
हो जाये तेरा दिदार मुझे 

गुनहग़ार हूँ, ख़तावार हूँ,
मैं हूं नहीं मैं हूँ नहीं 
तेरे प्यार के काबिल

लिख दी मैंने कर दी मैंने 
जिंदगी बिहारी जी के नाम

मैं हूँ नहीं मैं हूँ नहीं
तेरे प्यार के काबिल,

अवगुण भरा शरीर मेरा,
मैं कैसे तुझे मिल पाऊँ,
चुनरिया ये दाग दगीली,
में कैसे दाग़ छुड़ाऊँ,
ना भक्ति नहीं प्रेम रस,
हाँ कैसे तुझे मिल पाऊँ,
आन पड़ा अब द्वार तिहारे,
अब किस द्वारे जाऊँ,
उजड़ा हुआ गुलशन हूँ मैं,
उजड़ा हुआ गुलशन हूँ मैं,
ना बहार के काबिल,
मैं हूं नहीं तेरे प्यार के काबिल।

वो दृष्टि नहीं है पास मेरे जो,
रूप तुम्हारा निहार सकूँ,
वो तड़प नही है दिल अंदर,
जिस तड़प से तुझको पुकार सकूँ,
वो आग नहीं है आहो में जो,
तन मन सारा पजार सकूँ,
वो त्याग नहीं है अपने में,
जो सर्वस्व तुम पर वार सकूँ,
भुला हूँ में, वादाओ को,
ना करार के काबिल,
मैं हूं नहीं तेरे प्यार के काबिल।

तुम ही करो मुझे प्यार के,
काबिल और कौन है मेरा,
काम क्रोध मद लोभ मोह ने,
आकर डाला डेरा,
एक तेरे दीदार बिना,
इस दिल में हुआ अँधेरा,
मुझे भरोसा नहीं किसी का,
एक भरोसा तेरा,
हो तेरे प्यार में, पागल हुआ,
ना संसार के काबिल,
मैं हूं नहीं तेरे प्यार के काबिल।

Bhakti Bhajan Song Details

 Song  :- Mai Hu Nahi Tere Pyar Ke Kabil

 Singer:-  बाबा चित्र विचित्र जी महाराज

 Lyrics  :-

टिप्पणियाँ

नये भजन आप यहाँ से देख सकते है

ज़्यादा दिखाएं

लेबल

ज़्यादा दिखाएं

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

विट्ठलाचे अभंग मराठी लिरिक्स - Vitthalache Abhang Marathi lyrics

हे भोळ्या शंकरा आवड तुला बेलाची लिरिक्स - He Bholya Shankara Awad Tula Bela chi Lyrics

कृष्णाच्या गवळणी मराठी लिरिक्स - Krishanachya Gavlani Marathi Lyrics