सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आये है लिरिक्स - Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa Mere Sarkar Aaye Hai Lyrics
सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आये है लिरिक्स
सजा दो घर को गुलशन सा,मेरे सरकार आये है,
लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आये है..
पखारो इनके चरणों को
बहा कर प्रेम की गंगा,
बिछा दो अपनी पलको को
बिछा दो अपनी पलको को
मेरे सरकार आये है,
सरकार आ गए है
मेरे गरीब खाने में,
आया दिल को सकून
आया दिल को सकून
उनके करीब आने में,
मुदत से प्यासी आखियो को
मुदत से प्यासी आखियो को
मिला आज वो सागर,
भटका था जिसको पाने की
भटका था जिसको पाने की
खातिर इस ज़माने में,
उमड़ आई मेरी आंखे
उमड़ आई मेरी आंखे
देख कर अपने बाबा को,
हुई रोशन मेरी गलियां
हुई रोशन मेरी गलियां
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गुलशन सा,
तुम आकर भी नहीं जाना
सजा दो घर को गुलशन सा,
तुम आकर भी नहीं जाना
मेरी इस सुनी दुनिया से,
कहु हर दम यही सबसे
कहु हर दम यही सबसे
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गुलशन सा,
सजा दो घर को गुलशन सा,
Bhakti Bhajan Song Details
Shy am.gi
जवाब देंहटाएं8948214855
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंHanuman ji ki aarti
जवाब देंहटाएंthx
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