भाव के भूखे हैं भगवान लिरिक्स - Bhav Ke Bhukhe Hai Bhagwan Lyrics
भाव के भूखे हैं भगवान लिरिक्स
भाव के भूखे हैं भगवान
भाव के भूखे हैं भगवान
भाव नहीं तो कुछ भी नहीं है
भाव नहीं तो कुछ भी नहीं है
लाख करो गुणगान
एक थी शबरी भक्तन
न्योछावर करके तनमन
मतंग मुनि के संग में
करती थी प्रभु का कीर्तन
बागो से चुन चुन लाती
प्रभु को फुल चढ़ाती
गंगा के पावन जल से
रोज स्नान कराती
चरण धोके श्री राम का करती
चरण धोके श्री राम का करती
चरनामृत का पान
भाव के भूखे हैं भगवान
मतंग शबरी को बताये
बहु भांति समझाए
सबर कर कुछ दिन शबरी
मिलन के दिन अब आये
रामजी तुमसे मिलेंगे
मेरी कुटिया में आ कर
शबरी को धैर्य बंधाकर
समाधी लिए गुरुवर
राम नाम में लीन हो गयी
गुरु से पाकर ज्ञान
भाव के भूखे हैं भगवान
Bhakti Bhajan Song Details
please update full lyrics
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