हे श्याम तू जो रूठा लिरिक्स - He Shyam Tu Jo Rutha Lyrics
हे श्याम तू जो रूठा लिरिक्स
हे श्याम तू जो रूठा मर ही जाऊँगी,
तेरे दर की निकाली, बोल कहाँ जाऊँगी,
मुझको अपनों लूटा गम की मैं सताई हूँ,
दुनीयाँ से हारी श्यामा दर पे तेरे आई हूँ,
इस उजड़े चमन में फूल खिलायेगा कौन,
गर तू भी ठुकराएगा, तो गले लगाएगा कौन,
तेरे दर की निकाली, बोल कहाँ जाऊँगी,
मुझको अपनों लूटा गम की मैं सताई हूँ,
दुनीयाँ से हारी श्यामा दर पे तेरे आई हूँ,
इस उजड़े चमन में फूल खिलायेगा कौन,
गर तू भी ठुकराएगा, तो गले लगाएगा कौन,
हे श्याम अब सिर्फ तुम पर ही भरोषा है,
तुमने भी ना अपनाया तो, हमें अपना बनाएगा कौन,
तुमने ठुकराया जो चौखट पे प्राण दे दूँगी,
हे श्याम तू जो रूठा मर ही जाऊँगी।
छोड़ के मैं झूठी दुनियाँ शरण में तेरी आई हूँ,
हाल -ऐ- दिल कन्हैया मेरी तुमको अब सुनाती हूँ,
दिल की पढ़ ले लिखा सब निग़ाहों पे,
हे श्याम तू जो रूठा मर ही जाऊँगी।
दुनियाँ ने मारे ताने बोले मुझको पगली है,
श्याम की दीवानी आशा तेरी माला जपती है,
तू जो ना आया तो दम आज तोड़ जाऊँगी,
हे श्याम तू जो रूठा मर ही जाऊँगी।
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