मतलब के रिश्तों को तोड़कर लिरिक्स - Matlab Ke Rishto Ko Todkar Lyrics

मतलब के रिश्तों को तोड़कर लिरिक्स

मतलब के रिश्तों को तोड़कर के 
प्यार के बंधन में आन बंधा मेरी माँ, 
ममता की छाया दे दातिए 
तेरी चौकठ पे आज खड़ा मेरी माँ,

इस पाप के जग में झूठा है हर नाता,
गाओ को दिखलाऊ कैसे तुझे माता,
तू प्यार का भंडार है माँ तीनो लोको में,
नाम बड़ा तेरा माँ,
मतलब के रिश्तों को तोड़कर

अपनों का मारा हु दुखडो से हारा हु,
माँ थाम ले मुझको बेटा तुम्हारा हु,
अब लौट के खाली ना जाओ बालक ये जिद पे,
आज अड़ा मेरी माँ,
मतलब के रिश्तों को तोड़कर

मैंने सुना दर पे हर काम बनता है,
मैया जो तू करती कोई न करता है,
तू प्यार से नजरे उठा के देख तो जरा ले,
मुझको पहाड़ी माँ,
मतलब के रिश्तों को तोड़कर

तारीफ तेरी मैं कैसे करू दाती,
जग छोड़ दे जिनको उनको तू अपना ती,
तेरे हर्ष को जालिम ज़माने ने ठुकरया,
शरण पड़ा तेरी माँ,
मतलब के रिश्तों को तोड़कर


Bhakti Bhajan Song Details

 Song  :- Matlab Ke Rishto Ko Todkar

 Singer:- Mukesh Bagda

 Lyrics  :- Vinod Agarwal


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