कालो कि काल महाकाली कलकत्ते वाली चली है बहनों में मंदिरों से लिरिक्स - Kalo Ki Kal Mahakali Kalkatte Wali Chali Hai Bahno Me Mandiro Se Lyrics

कालो कि काल महाकाली कलकत्ते वाली चली है बहनों में मंदिरों से लिरिक्स

कालो कि काल महाकाली कलकत्ते वाली
चली है बहनों में मंदिरों से 
मंदिरों से बहनों मंदिरों से 
कालो कि काल महाकाली कलकत्ते वाली
चली है बहनों में मंदिरों से 

एक हाथ में खप्पर विराजे 
माँ के सिर पे मुकुट विराजे 
बड़ी सूरत डराने वाली कलकत्ते वाली
चली है बहनों में मंदिरों से 

माँ के गले में मुंडो कि माला 
माँ का रूप है बड़ा विकराला 
माँ के होठो पे खून कि लाली कलकत्ते वाली
चली है बहनों में मंदिरों से 

माँ के डरती है भूतो कि टोली 
माँ भर देंगी भक्तो कि झोली 
सब भक्त बजाओ ताली कलकत्ते वाली
चली है बहनों में मंदिरों से 

मैया भक्तो के घर पे आयी 
माँ ने सब कि है बिगड़ी है बनायीं 
माँ भक्ति के गुलशन कि वाली कलकत्ते वाली
चली है बहनों में मंदिरों से 

Bhakti Bhajan Song Details

 Song  :-Kalo Ki Kal Mahakali Kalkatte Wali Chali Hai Bahno Me Mandiro Se

 Singer:-Kajal Malik

 Lyrics  :-Mahendra Singh Bhatti

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