ममता का खज़ाना आकर यहाँ पे लुटाती है लिरिक्स - Mamta Ka Khajan Aakar Yanha Pe Lutati Hai Lyrics
ममता का खज़ाना आकर यहाँ पे लुटाती है लिरिक्स
अपने बच्चों से मिलने को मैया धरती पे देखो आती हैममतामई ममता का खज़ाना आकर यहाँ पे लुटाती है
आते ही नवरात्रे बच्चों से मिलने को होती बेकरार माँ
इस दिन का बेसब्री से करती रहती है इंतज़ार माँ
करके आई मैया सफर लेने बच्चों की खबर
छोड़ ऊँचे पर्वतों को माँ........
आकर धरा पर माँ और बेटी के रिश्ते को मैया निभाती है
अपने बच्चों से मिलने को मैया धरती पे देखो आती है
जयकारा शेरावाली दा..
बोलो सांचे दरबार की जय
ओढ़ लाल रंग माँ चुनार करके आई शेर की सवारी
सज धज के शेरावाली माँ आज लग रही है बड़ी प्यारी
भैरो बाबा और बजरंग मैया जी के आये संग
रखवाली करते मैया की ------------
अपने बच्चों के संग बैठ कर माँ दरबार अपना लगाती है
अपने बच्चों से मिलने को मैया धरती पे देखो आती है
नौ दिन का त्यौहार माँ मिलके सबके साथ है मनाती
लेकर बिदाई बच्चों से दसवीं को ये चली जाती
आंसुओं की बहती धारे रोते सभी माँ के प्यारे
कुंदन माँ की जुदाई माँ
मैं फिर आउंगी मिलने को तुमसे बच्चों को माँ समझाती है
अपने बच्चों से मिलने को मैया धरती पे देखो आती है
ओढ़ लाल रंग माँ चुनार करके आई शेर की सवारी
सज धज के शेरावाली माँ आज लग रही है बड़ी प्यारी
भैरो बाबा और बजरंग मैया जी के आये संग
रखवाली करते मैया की ------------
अपने बच्चों के संग बैठ कर माँ दरबार अपना लगाती है
अपने बच्चों से मिलने को मैया धरती पे देखो आती है
नौ दिन का त्यौहार माँ मिलके सबके साथ है मनाती
लेकर बिदाई बच्चों से दसवीं को ये चली जाती
आंसुओं की बहती धारे रोते सभी माँ के प्यारे
कुंदन माँ की जुदाई माँ
मैं फिर आउंगी मिलने को तुमसे बच्चों को माँ समझाती है
अपने बच्चों से मिलने को मैया धरती पे देखो आती है
Bhakti Bhajan Song Details
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