मन कि मुरादे पा लो रे भक्तो के फिर से नवरात्रे आ गये लिरिक्स - Man Ki Murade Pa Lo Re Bhakto Ke Phir Se Navratre Aa Gaye Lyrics
मन कि मुरादे पा लो रे भक्तो के फिर से नवरात्रे आ गये लिरिक्स
मन कि मुरादे पा लो रे भक्तो
मैया रानी हुयी दयाल
के फिर से नवरात्रे आ गये
ज्योत जगा लो माँ के गुण गा लो
कट जायेंगे जंजाल
के फिर से नवरात्रे आ गये
ज्योति स्वरुप माता बड़ी दयावान
सदा उपकार करती
खुशियों का फैलाके उजियारा
दुखो को अंधकार हरती
मन में लगन ले आजा शरण
फिर ना चिंता कोई मलाल
के फिर से नवरात्रे आ गये
आशा कि डोर बंधी
लेके विश्वास आती भक्तो कि टोलिया
होती है पूरी मन कि मुरादे
देगी भर भर के झोलिया
द्वार निराला दरवाजा ना ताला
ये सब ही करती निहाल
के फिर से नवरात्रे आ गये
नवरातो में छोटी छोटी
कन्याओ को घर में बुलाओ
पाव धुलाओ चुनरी ओढाओ
माथे तिलक लगाओ
हलवा पूरी का भोजन खिलाओ
हो जाओंगे खुशहाल
के फिर से नवरात्रे आ गये
Bhakti Bhajan Song Details
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