समर चली महाकाली लिरिक्स - Samar Chali Mahakali Lyrics
समर चली महाकाली लिरिक्स
समर चली महाकाली
समर चली महाकाली
काला खप्पर हाथ धरे माँ
मुंडन माला डाली
समर चली महाकाली
समर चली महाकाली
एक हाथ में खडग धरे माँ
दूजे त्रिशूल है धारी
तीजे में है चक्र सुदर्शन
चौथे कटार संभाली
समर चली महाकाली
समर चली महाकाली
आँखों से चिंगारी छोड़े
मुह से निकले ज्वाला
थर थर कांपे देखो असुरदल
ऐसी ले किलकारी
समर चली महाकाली
समर चली महाकाली
पल में कई दानव संहारे
पल में चट कर डाली
पल में कई को राख बनाई
एसी ले हुंकारी
समर चली महाकाली
समर चली महाकाली
कालो की माँ काल बनी रे
रणचंडी माँ ज्वाला
दे मुझे आँचल की छाया
मैया मेहरावाली
समर चली महाकाली
समर चली महाकाली
समर चली महाकाली
समर चली महाकाली
काला खप्पर हाथ धरे माँ
मुंडन माला डाली
समर चली महाकाली
समर चली महाकाली
Bhakti Bhajan Song Details
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें