समर चली महाकाली लिरिक्स - Samar Chali Mahakali Lyrics

समर चली महाकाली लिरिक्स

समर चली महाकाली 
समर चली महाकाली
काला खप्पर हाथ धरे माँ
मुंडन माला डाली 
समर चली महाकाली 
समर चली महाकाली

एक हाथ में खडग धरे माँ
दूजे त्रिशूल है धारी
तीजे में है चक्र सुदर्शन
चौथे कटार संभाली 
समर चली महाकाली 
समर चली महाकाली

आँखों से चिंगारी छोड़े 
मुह से निकले ज्वाला 
थर थर कांपे देखो असुरदल 
ऐसी ले किलकारी 
समर चली महाकाली 
समर चली महाकाली

पल में कई दानव संहारे 
पल में चट कर डाली 
पल में कई को राख बनाई
एसी ले हुंकारी 
समर चली महाकाली 
समर चली महाकाली

कालो की माँ काल बनी रे
रणचंडी माँ ज्वाला
दे मुझे आँचल की छाया 
मैया मेहरावाली
समर चली महाकाली 
समर चली महाकाली   

समर चली महाकाली 
समर चली महाकाली
काला खप्पर हाथ धरे माँ
मुंडन माला डाली 
समर चली महाकाली 
समर चली महाकाली    

Bhakti Bhajan Song Details

 Song  :-Samar Chali Mahakaali

 Singer:-Shahnaaz Akhtar

 Lyrics  :-Shahnaaz Akhtar

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