जीने का रास्ता ये एक वंशी सिखाती है लिरिक्स - Jine Ka Rasta Ye Ek Vanshi Sikhati Hai Lyrics

जीने का रास्ता ये एक वंशी सिखाती है लिरिक्स

जीने का रास्ता ये एक वंशी सिखाती है
छेद है सीने में फिर भी गुनगुनाती है

ऐसे मोहन ने नहीं अधरों पे संवारा
राज इसमें लाख हैं जाने ना जग सारा
बोझ ग़म का सीने पे अपने उठाती है
छेद है सीने में फिर भी गुनगुनाती है

मुस्कुरा कर प्यार इससे करता है कान्हा
जानता है इसके दिल का क्यूंकि फ़साना
राधे रानी ये समझ पल भर ना पाती है
छेद है सीने में फिर भी गुनगुनाती है

इसकी ये आदत से मोहन मुंह नहीं मोड़े
छोड़ता दुनिया को पर वंशी नहीं छोड़े
बेधड़क पल भर नहीं ये हिचकिचाती है
छेद है सीने में फिर भी गुनगुनाती है

Bhakti Bhajan Song Details

 Song  :- Jine Ka Rasta Ye Ek Vanshi Sikhati Hai

 Singer:- Ujjawal Singh

 Lyrics  :-Pappu Bedhadhak


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