तुम मोरी राखो लाज हरी लिरिक्स - Tum Mori Rakho Laaj Hari Lyrics
तुम मोरी राखो लाज हरी लिरिक्स
तुम मोरी राखो लाज हरीतुम जानत सब अन्तर्यामी
करनी कछु ना करी
तुम मोरी राखो लाज हरी
अवगुण मोसे बिसरत नाही
पलछिन घडी घडी
सब प्रपंच की पोट बाँध कर
अपने शीश धरी
तुम मोरी राखो लाज हरी
दारा सुत धन मोह लियो है
सुध बुध सब बिसरी
शूर प्रतीत को वेग उद्धारो
अब मोरी नाव भरी
तुम मोरी राखो लाज हरी
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