आयो रे सावन चालो भगतो महाकाल के आंगन में लिरिक्स - Aayo Re Sawan Chalo Bhakto Mahakal Ke Aangan Me Lyrics

आयो रे सावन चालो भगतो महाकाल के आंगन में लिरिक्स

आयो रे सावन चालो भगतो
महाकाल के आंगन में 
खुल जाती है किस्मत सबकी 
महाकाल के आंगन में 

सावन का रंग बरस रहा है 
इत्र गुलाल भी महक रहा है 
होती है बरसात धरम कि 
महाकाल के आँगन में 
आयो रे सावन चालो भगतो
महाकाल के आंगन में 

भक्त सभी उज्जैन में आके 
खोये हुए है मस्ती में 
आयी है कावडीयो कि टोली 
महाकाल के आँगन में 
आयो रे सावन चालो भगतो
महाकाल के आंगन में 

धरती अम्बर चाँद सितारे 
मिलकर कहते है ये सारे
आयी है देवो कि टोली 
महाकाल के आँगन में 
आयो रे सावन चालो भगतो
महाकाल के आंगन में 

जो भी मांगो में वो मिलता है 
बाबा के दरबार में आके 
खुल जाती है किस्मत सबकी 
महाकाल के आँगन में 
आयो रे सावन चालो भगतो
महाकाल के आंगन में 

Bhakti Bhajan Song Details

 Song  :-Aayo Re Sawan Chalo Bhakto Mahakal Ke Aangan Me

 Singer:- Gajendra Pratap Singh

 Lyrics  :-Gajendra Pratap Singh

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