आयो रे सावन चालो भगतो महाकाल के आंगन में लिरिक्स - Aayo Re Sawan Chalo Bhakto Mahakal Ke Aangan Me Lyrics
आयो रे सावन चालो भगतो महाकाल के आंगन में लिरिक्स
आयो रे सावन चालो भगतो
महाकाल के आंगन में
खुल जाती है किस्मत सबकी
महाकाल के आंगन में
सावन का रंग बरस रहा है
इत्र गुलाल भी महक रहा है
होती है बरसात धरम कि
महाकाल के आँगन में
आयो रे सावन चालो भगतो
महाकाल के आंगन में
भक्त सभी उज्जैन में आके
खोये हुए है मस्ती में
आयी है कावडीयो कि टोली
महाकाल के आँगन में
आयो रे सावन चालो भगतो
महाकाल के आंगन में
धरती अम्बर चाँद सितारे
मिलकर कहते है ये सारे
आयी है देवो कि टोली
महाकाल के आँगन में
आयो रे सावन चालो भगतो
महाकाल के आंगन में
जो भी मांगो में वो मिलता है
बाबा के दरबार में आके
खुल जाती है किस्मत सबकी
महाकाल के आँगन में
आयो रे सावन चालो भगतो
महाकाल के आंगन में
Bhakti Bhajan Song Details
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