मुझे शिव से नही शिव में मिलना है लिरिक्स - Mujhe Shiv Se Nahi Shiv Mein Milna Hai Lyrics
मुझे शिव से नही शिव में मिलना है लिरिक्स
कितना रोकु मन्न के शोर कोये कहा रुकता है
इस शोर से परे उस मौन से मिलना है
मुझे शिव से भी नही शिव में मिलना है
मुझे शिव से नही शिव में मिलना है
मुझे शिव से नही शिव में मिलना है
अपने अहम् की अहुति दे जलना है
मुझे शिव से नही शिव में मिलना है
क्यू मुझे किसी और के
कष्टों का कारन बन्ना है
चाँद और सीष सुशोभित
उस चाँद सा शीतल बन्ना है
उस चाँद सा शीतल बन्ना है
मुझे शिव से नही शिव में मिलना है
मुझे शिव से नही शिव में मिलना है
जितना मैं भटका
उतना मैला हो आया हूँ
कुछ ने है छला मोहे
कुछ को मै छल आया हूँ
कुछ को मै छल आया हूँ
मुझे शिव से नही शिव में मिलना है
मुझे शिव से नही शिव में मिलना है
Bhakti Bhajan Song Details
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