कैसी मुरलीया बजाई रे लिरिक्स - Kaisi Muraliya Bajayi Re Lyrics
कैसी मुरलीया बजाई रे लिरिक्स
जो मै ऐसा जानती,के प्रीत करे दुख होय,
नगर ढिंढोरा पीटती,
के प्रीत ना करियो कोय,
प्रीत वास की जियो,
के जासे मन बतियाय,
जने जने की प्रीत में,
ये जनम अकारथ जाय
कैसी मुरलीया बजाई रे,
छलिया मन मोहना,
मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
आई रे, मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।
काहे को ऐसी मुरली बजाए,
मेरे मन को चेन ना आए,
नँदलाला, ओ कन्हैया,
भूल गई मैं सब काम अपना,
आई घर से करके बहाना,
छलिया मनमोहना,
मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
आई रे, मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।
सारी सखियाँ मारे है तानें,
तुम तो अपनी धुन में दीवाने,
नँद लाला, ओ कन्हैया,
मेरे घर पर मेरा सजन है,
लेकिन मेरा तुझ पे ही मन है,
छलिया मनमोहना,
मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
आई रे, मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।
पनघट पर मेरी बईयाँ मरोड़ी,
मै जो बोली मेरी मटकी को फोड़ी,
चल के पनघट पे,
तलक प्यार की दो बात करें,
जल भरने के बहाने से,
मुलाक़ात करें,
छेड़ खानी ना करो,
नार नवेली हूँ मैं,
सर पे गागर है मेरे,
और अकेली हूँ मैं,
पनघट पर मेरी बईयाँ मरोड़ी,
मैं जो बोली मेरी मटकी को फोड़ी,
मुझको कन्हैया,
मिल जायेगा जिस दिन,
छीन लूँगी मुरली मै उस दिन,
छलिया मनमोहना,
मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
आई रे, मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।
मै पुजारी आपका हूँ,
मेरी पूजा आप हैं,
मेरा ईमा (ईमान) मेरा धरम,
मेरे सबकुछ आप हैं,
मेरा मंदिर मेरी मस्ज़िद,
मेरे काबा आप है,
क्यू बताऊँ मैं किसी को,
मेरे क्या क्या आप हैं,
घुँगर वाले बाल श्याम के,
घुँगर वाले बाल,
एक ही मेरा श्याम धणी और,
बाकी सब कंगाल,
घुँगर वाले बाल श्याम के,
घुँगर वाले बाल।।
मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
आई रे, मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे
नगर ढिंढोरा पीटती,
के प्रीत ना करियो कोय,
प्रीत वास की जियो,
के जासे मन बतियाय,
जने जने की प्रीत में,
ये जनम अकारथ जाय
कैसी मुरलीया बजाई रे,
छलिया मन मोहना,
मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
आई रे, मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।
काहे को ऐसी मुरली बजाए,
मेरे मन को चेन ना आए,
नँदलाला, ओ कन्हैया,
भूल गई मैं सब काम अपना,
आई घर से करके बहाना,
छलिया मनमोहना,
मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
आई रे, मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।
सारी सखियाँ मारे है तानें,
तुम तो अपनी धुन में दीवाने,
नँद लाला, ओ कन्हैया,
मेरे घर पर मेरा सजन है,
लेकिन मेरा तुझ पे ही मन है,
छलिया मनमोहना,
मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
आई रे, मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।
पनघट पर मेरी बईयाँ मरोड़ी,
मै जो बोली मेरी मटकी को फोड़ी,
चल के पनघट पे,
तलक प्यार की दो बात करें,
जल भरने के बहाने से,
मुलाक़ात करें,
छेड़ खानी ना करो,
नार नवेली हूँ मैं,
सर पे गागर है मेरे,
और अकेली हूँ मैं,
पनघट पर मेरी बईयाँ मरोड़ी,
मैं जो बोली मेरी मटकी को फोड़ी,
मुझको कन्हैया,
मिल जायेगा जिस दिन,
छीन लूँगी मुरली मै उस दिन,
छलिया मनमोहना,
मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
आई रे, मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।
मै पुजारी आपका हूँ,
मेरी पूजा आप हैं,
मेरा ईमा (ईमान) मेरा धरम,
मेरे सबकुछ आप हैं,
मेरा मंदिर मेरी मस्ज़िद,
मेरे काबा आप है,
क्यू बताऊँ मैं किसी को,
मेरे क्या क्या आप हैं,
घुँगर वाले बाल श्याम के,
घुँगर वाले बाल,
एक ही मेरा श्याम धणी और,
बाकी सब कंगाल,
घुँगर वाले बाल श्याम के,
घुँगर वाले बाल।।
मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
आई रे, मैं तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे
Shiv Bhakti Bhajan Song Details
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें