संकट हरलो मंगल करदो प्यारे शिव गौरा के लाल लिरिक्स - Sankat Harlo Mangal Kardo Pyare Shiv Gaura Ke Lal Lyrics
संकट हरलो मंगल करदो प्यारे शिव गौरा के लाल लिरिक्स
तर्ज- मन डोले मेरा तनसंकट हरलो, मंगल करदो,
प्यारे, शिव गौरा के लाल,
अब, विनती सुनलो, गणपति देवा ll
हे गणनायक, देव गजानन,
मूषक चढ़कर आओ l
हाथ जोड़कर, द्वार खड़े हैं,
अब ना देर लगाओ,
गजानन, जल्दी से तुम आओ,
आ कर के, अपने भक्तों का,
तुम जान लो, दिल का हाल,
अब, विनती सुनलो, गणपति देवा,,,
संकट हरलो, मंगल करदो,,,,,,,,
तुमको ना, बतलाएं तो हम,
अपनी किसे बताएं l
तुम ही बता दो, सिद्धि विनायक,
किसके द्वार पे जाए,
बताओ, किसको अपनी सुनाएं,
दुःख के बादल, ने घेरा हमें,
संकट का, फैला जाल,
अब, विनती सुनलो, गणपति देवा,,,
संकट हरलो, मंगल करदो,,,,,,,,,
संकटहर्ता, संकट काटो,
चारों तरफ तेरा राज l
कर दो अब, खुशियों की वर्षा,
हे गणपति महाराज,
हमारे, पूरण कर दो काज,
सबके पूरण, तुम काम करो,
जग में है, तेरी मिसाल,
अब, विनती सुनलो, गणपति देवा,,,
संकट हरलो, मंगल करदो,,,,,,,,,
टूट रही है, आस की डोरी,
डोल रहा विश्वास l
अब तो हमें तुम, अपनी दया का,
दे दो प्रभु प्रसाद,
कहीं अब, टूट ना जाए आस,
जैसे भी हो, अब तो तुमको,
देवा, करना है कमाल,
अब, विनती सुनलो, गणपति देवा,,,
संकट हरलो, मंगल करदो,,,,,,,,,
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