राम के नाम बिना रे मूरख लिरिक्स - Ram Ke Naam Bina Re Murakh Lyrics
राम के नाम बिना रे मूरख लिरिक्स
राम नाम का लूट है
लूट सके तो लूट
अंत समय पछताएगा
जब प्राण जाएगा जब छूट
राम के नाम बिना
पंछी पंख बिना बिच्छू डंक बिना
क्षत्रिय आन बिना विप्र ज्ञान बिना
जल जाए जीवहा पापिनी
राम के बिना
पंछी पंख बिना बिच्छू डंक बिना
आरति शंख बिना
गणित अंक बिना
गणित अंक बिना
कमल पंक बिना निशा मयंक बिना
ब्यर्थ भ्रमण अगनहीं चिंतन
ब्यर्थ भ्रमण अगनहीं चिंतन
अच्छे काम बिना
जल जाए जीवहा पापिनी
राम के बिना
क्षत्रिय आन बिना विप्र ज्ञान बिना
घर संतान बिना
देह प्राण बिना हाथ दान बिना
देह प्राण बिना हाथ दान बिना
भोजन मान बिना
मोर का है बेकार नाचना
मोहन शाम बिना
जल जाए जीवहा पापिनी
राम के बिना
पुष्प बाग बिना संत त्याग बिना,
गाना राग बिना,
शीश नमन बिना नयन दरस बिना
शीश नमन बिना नयन दरस बिना
नारी सुहाग बिना
संत कहे ये जग है सूना
संत कहे ये जग है सूना
आत्म ज्ञान बिना
जल जाए जीवहा पापिनी
राम के बिना
Ram ji ke Bhakti Bhajan Song
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