तारो तारण हारी लिरिक्स - Taro Taran Hari Lyrics
तारो तारण हारी लिरिक्स
तारो तारण हारीकिशन कन्हाई, तोरा नाम
तारो तारण हारी
तारे जो, हज़ारों तुमने
क्या, मेरा नहीं नाम,,,
तारो तारण हारी
जैसी राह, मिली जग में,
तारो तारण हारी
जैसी राह, मिली जग में,
मैं वैसी चलती आई,
पाँच तत्त्व की, काल कोठरी,
पाँच तत्त्व की, काल कोठरी,
काज़ल से पुतवाई ll
कान्हा तुम पे, भी तो लगा था
कान्हा तुम पे, भी तो लगा था
ठग्गी, का इल्जाम,,,
तारो तारण हारी
चार बनाए, वैरी तूने,
तारो तारण हारी
चार बनाए, वैरी तूने,
लड़ती फिरूँ अकेली,
कौन बचाए, दर दर भटकूँ,
कौन बचाए, दर दर भटकूँ,
चादर हो गई मैली
तूने, भी तो द्वारका
तूने, भी तो द्वारका
डुबाए, रखो धाम,,,
तारो तारण हारी
पल पल बदले, खेल जगत में,
तारो तारण हारी
पल पल बदले, खेल जगत में,
पल पल बदले पासा,
तोरे सहारे, जीतना चाहूँ,
तोरे सहारे, जीतना चाहूँ,
जो तोड़े ना आशा
वचन, निभाया तूने कहाया, घनश्याम
तारो तारण हारी
किशन कन्हाई, तोरा नाम
तारो तारण हारी
तारे जो, हज़ारों तुमने
वचन, निभाया तूने कहाया, घनश्याम
तारो तारण हारी
किशन कन्हाई, तोरा नाम
तारो तारण हारी
तारे जो, हज़ारों तुमने
क्या, मेरा नहीं नाम
तारो तारण हारी
तारो तारण हारी
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