मिला हमे तन पावन रे मन क्यों कालिख तन लगा रहा है लिरिक्स - Mila Hame Tan Pawan Re Man Kyo Kalikh Tan Laga Raha Hai Lyrics
मिला हमे तन पावन रे मन क्यों कालिख तन लगा रहा है लिरिक्स
मिला हमे तन पावन रे मनक्यों कालिख तन लगा रहा है
भला बुरा सब समझ रहा है
पर उलटी गंगा बहा रहा है
मिला हमे तन पावन रे मन
क्यों कालिख तन लगा रहा है
दिन भर छल प्रपंच करता है
उस मालिक से ना डरता है
नहीं कमाया खुद के लिए पर
सौ पीढ़ी को कमा रहा है
मिला हमे तन पावन रे मन
क्यों कालिख तन लगा रहा है
तेरा भारी आडंबर है
ऊपर से कितना सुंदर है
नहीं जलाया अंतर दीपक
बाहर दीपक जला रहा है
मिला हमे तन पावन रे मन
क्यों कालिख तन लगा रहा है
लूट लूट कर भरा खजाना
दुखियारों को दान दिया ना
केवल अपने सुख दुख मे ही
धन पानी सा बहा रहा है
मिला हमे तन पावन रे मन क्यों कालिख तन लगा रहा है
माया मे ही मन बहलाया
माया पति को जान न पाया
राम वृक्ष का मोल ना जाना
फिर भव सागर समा रहा है
मिला हमे तन पावन रे मन क्यों कालिख तन लगा रहा है
भला बुरा सब समझ रहा है
पर उलटी गंगा बहा रहा है
मिला हमे तन पावन रे मन
क्यों कालिख तन लगा रहा है
Ram ji Ke Bhakti Bhajan Song
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