हमने आँगन नहीं बुहारा कैसे आयेंगे भगवान लिरिक्स - Humne Angan Nahi Buhara Kaise Ayenge Bhagwan Lyrics
हमने आँगन नहीं बुहारा कैसे आयेंगे भगवान लिरिक्स
हमने आँगन नहीं बुहाराकैसे आयेंगे भगवान
चंचल मन को नहीं संभाला
कैसे आयेंगे भगवान ॥
हर कोने कल्मष-कषाय की,
लगी हुई है ढेरी ।
नहीं ज्ञान की किरण कहीं भी,
हर कोठरी अँधेरी ।
आँगन चौबारा अँधियारा,
कैसे आयेंगे भगवान॥
हृदय हमारा पिघल न पाया,
जब देखा दुखियारा ।
किसी पन्थ भूले ने हमसे,
पाया नहीं सहारा ।
सूखी है करुणा की धारा,
कैसे आयेंगे भगवान॥
अन्तर के पट खोल देख लो,
ईश्वर पास मिलेगा ।
हर प्राणी में ही परमेश्वर,
का आभास मिलेगा ।
सच्चे मन से नहीं पुकारा,
कैसे आयेंगे भगवान ॥
निर्मल मन हो तो रघुनायक,
शबरी के घर जाते ।
श्याम सूर की बाँह पकड़ते,
शाग विदुर घर खाते ।
इस पर हमने नहीं विचारा,
कैसे आयेंगे भगवान ॥
हमने आँगन नहीं बुहारा,
कैसे आयेंगे भगवान् ।
मन का मैल नहीं धोया तो,
कैसे आयेंगे भगवान ॥
कैसे आयेंगे भगवान ॥
हर कोने कल्मष-कषाय की,
लगी हुई है ढेरी ।
नहीं ज्ञान की किरण कहीं भी,
हर कोठरी अँधेरी ।
आँगन चौबारा अँधियारा,
कैसे आयेंगे भगवान॥
हृदय हमारा पिघल न पाया,
जब देखा दुखियारा ।
किसी पन्थ भूले ने हमसे,
पाया नहीं सहारा ।
सूखी है करुणा की धारा,
कैसे आयेंगे भगवान॥
अन्तर के पट खोल देख लो,
ईश्वर पास मिलेगा ।
हर प्राणी में ही परमेश्वर,
का आभास मिलेगा ।
सच्चे मन से नहीं पुकारा,
कैसे आयेंगे भगवान ॥
निर्मल मन हो तो रघुनायक,
शबरी के घर जाते ।
श्याम सूर की बाँह पकड़ते,
शाग विदुर घर खाते ।
इस पर हमने नहीं विचारा,
कैसे आयेंगे भगवान ॥
हमने आँगन नहीं बुहारा,
कैसे आयेंगे भगवान् ।
मन का मैल नहीं धोया तो,
कैसे आयेंगे भगवान ॥
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