कलयुग बैठा मार कुंडली लिरिक्स - Kalyug Baitha Mar Kundali Lyrics

कलयुग बैठा मार कुंडली लिरिक्स

कलयुग बैठा मार कुंडली 
जाँऊ तो में कहा जाँऊ । 
अब हर घर मे रावण बैठा
इतने राम कहा से लाऊँ ।

दशरथ कौशल्या जैसे 
मात पिता अब भी मिल जाये,
पर राम से पुत्र मिले ना 
जो आज्ञा ले वन जाये।
भरत लखन से भाई को मै 
ढूंढ कहा से अब में लाऊँ।
अब हर घर मे रावण बैठा 
इतने राम कहा से लाऊँ ।
कलयुग बैठा मार कुंडली 
जाँऊ तो में कहा जाँऊ ।
अब हर घर मे रावण बैठा 
इतने राम कहा से लाऊँ ।

जिसे समझते हो तुम अपना 
जड़े खोदता आज वहीं ।
रामायण की बाते जैसे 
लगती है सपना कोई।
तब थी दासी एक मंथरा 
आज वही घर घर पाऊँ
अब हर घर मे रावण बैठा 
इतने राम कहा से लाऊँ ।
कलयुग बैठा मार कुंडली 
जाँऊ तो में कहा जाँऊ ।
अब हर घर मे रावण बैठा 
इतने राम कहा से लाऊँ ।


Ram ji Ke Bhakti Bhajan Song

 Song  :-  Kalyug Baitha Mar Kundali

 Singer:- Master Rana

 Lyrics  :-

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