दया की आस में भगवन तेरे दरबार आया हूँ लिरिक्स - Daya Ki Aas Me Bhagwan Tere Darbar Aya Hu Lyrics
दया की आस में भगवन तेरे दरबार आया हूँ लिरिक्स
दया की आस में भगवन तेरे दरबार आया हूँ, बना लो दास मुझको भी बहुत लाचार आया हूँ,
दया की आस मे भगवन तेरे दरबार आया हूँ।।
सुना है तुम गरीबों के सदा उद्धार करते हो,
सुना है तुम गरीबों के सदा उद्धार करते हो,
सदा उद्धार करते हो, सदा उद्धार करते हो,
तो हाजिर हूँ गरीबों के स्वयं सरदार आया हूँ,
दया की आस मे भगवन तेरे दरबार आया हूँ।।
अगर तुम दीन के दाता तो मेरी दीनता सुन लो,
तो मेरी दीनता सुन लो जगत के मोह में डूबा,
जगत के मोह में डूबा जगत के मोह में डूबा,
जगत के मोह में डूबा मैं एक गुनेहगार आया हूँ,
दया की आस मे भगवन तेरे दरबार आया हूँ।।
है सच्चिदानंद की विनती प्रभु स्वीकार कर लेना,
सदा “धीरज” को शरणागत, मिले सरकार आया हूँ,
दया की आस में भगवन तेरे दरबार आया हूँ,
बना लो दास मुझको भी बहुत लाचार आया हूँ,
दया की आस मे भगवन तेरे दरबार आया हूँ
दया की आस मे भगवन तेरे दरबार आया हूँ।।
सुना है तुम गरीबों के सदा उद्धार करते हो,
सुना है तुम गरीबों के सदा उद्धार करते हो,
सदा उद्धार करते हो, सदा उद्धार करते हो,
तो हाजिर हूँ गरीबों के स्वयं सरदार आया हूँ,
दया की आस मे भगवन तेरे दरबार आया हूँ।।
अगर तुम दीन के दाता तो मेरी दीनता सुन लो,
तो मेरी दीनता सुन लो जगत के मोह में डूबा,
जगत के मोह में डूबा जगत के मोह में डूबा,
जगत के मोह में डूबा मैं एक गुनेहगार आया हूँ,
दया की आस मे भगवन तेरे दरबार आया हूँ।।
है सच्चिदानंद की विनती प्रभु स्वीकार कर लेना,
सदा “धीरज” को शरणागत, मिले सरकार आया हूँ,
दया की आस में भगवन तेरे दरबार आया हूँ,
बना लो दास मुझको भी बहुत लाचार आया हूँ,
दया की आस मे भगवन तेरे दरबार आया हूँ
Krishna Bhagwan Ke Bhakti Bhajan Song
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