मोह माया के चक्कर में मै नाम हरी का भूल गयी लिरिक्स - Moh Maya Ke Chakkar Me Mai Naam Hari Ka Bhool Gayi Lyrics
मोह माया के चक्कर में मै नाम हरी का भूल गयी लिरिक्स
दिन का चैन रात की निंदियादोनों खो के बैठ गई,
मोह माया के चक्कर में
मै नाम हरी का भूल गयी
बालकपन में खेली खाई
बालकपन में खेली खाई
सखियों के संग मस्त रही,
सयानी हो गई शादी कर दी
दो परिवारों में बट गई,
कभी पीहर में कभी सासुरे
आन जान में लगी रही,
मोह माया के चक्कर में
मै नाम हरी का भूल गयी
पहली अवस्था चालू हो गई
बेटी बेटा होने लगे,
पालन पोषण करने लग गई
दिन और रात में मग्न रही,
बाद में सोऊं बखते उठ लं
बन कोल्हू का बेल गई,
दूसरी अवस्था चालू हो गई
मोह माया के चक्कर में
मै नाम हरी का भूल गयी
दूसरी अवस्था चालू हो गई
बेटी बेटा ब्याहन लगी,
कसका कपड़ा किसके गहने
किसका घर बनवाने लगी,
जिम्मेदारी पूरी हो गई
चुप होके में बैठ गई,
तीसरी अवस्था चालू हो गई
मोह माया के चक्कर में
मै नाम हरी का भूल गयी
तीसरी अवस्था चालू हो गई
पोती पोता होने लगे,
बेटे न्यारे होने लग गये
मां को साझा करने लगे,
ये घर तेरा ये घर मेरा
मां की खाट का ठौर नहीं,
मोह माया के चक्कर में
मै नाम हरी का भूल गयी
अब सोबन का टाइम नहीं,
सारी सखियां इकट्ठी हो गई
हरी भजन में लग गई,
दिन का चैन रात की निंदिया
दोनों खो के बैठ गई,
मोह माया के चक्कर में
मै नाम हरी का भूल गयी
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