मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता लिरिक्स -Mere Malik Ke Darbar me Sab Logo Ka Khata

मेरे मालिक के दरबार में सब लोगो का खाता लिरिक्स

मेरे मालिक के दरबार में,
सब लोगो का खाता
जितना जिसके  भाग्य में होता ,
वो उतना ही पाता
मेरे मालिक के दरबार में....

क्या साधू क्या संत गृहस्थी,
क्या राजा क्या रानी,
प्रभु की पुस्तक में लिखी है,
सब की कर्म कहानी,
वही सभी के जमा खरच का,
सही हिसाब लगाता, 
मेरे मालिक के दरबार में ... 

बड़े कड़े कानून प्रभु के,
बड़ी कड़ी मर्यादा,
किसी को कौड़ी कम नही देता,
किसी को दमड़ी ज्यादा
इसलिए तो दुनिया में ये 
जगत सेठ कहलाता, 
मेरे मालिक के दरबार में ...

करते हैं फ़ैसला सभी का 
प्रभु आसन पर  डट के,
इनका फैसला कभी ना बदले,
लाख कोई सर पटके,
समझदार तो चुप रहता हैं,
मूरख़ शोर मचाता, 
मेरे मालिक के दरबार में....


SINGER - ANIL NAGORI

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

नये भजन आप यहाँ से देख सकते है

ज़्यादा दिखाएं

लेबल

ज़्यादा दिखाएं

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हे भोळ्या शंकरा आवड तुला बेलाची लिरिक्स - He Bholya Shankara Awad Tula Bela chi Lyrics

शिव जी के भजन लिरिक्स - Shiv Ji ke Bhajan lyrics ( Bhole Nath ke Bhajan List )

कृष्णाच्या गवळणी मराठी लिरिक्स - Krishanachya Gavlani Marathi Lyrics