पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा लिरिक्स - Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics

पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा लिरिक्स

समय हाथ से निकल गया तो 
सिर धुन धुन पछतायेगा 
निर्मल मन के दर्पण में वह 
राम के दर्शन पायेगा 

राम नाम के साबुन से जो 
मन का मेल छुडायेगा 
निर्मल मन के दर्पण में वह 
राम के दर्शन पायेगा 

झूठ कपट निंदा को त्यागो 
हर प्राणी से प्यार करो 
घर पर आये अतिथि तो 
यथा शक्ति सत्कार करो 

पता नहीं किस रूप में आकर 
नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह 
राम के दर्शन पायेगा 

राम नाम के साबुन से जो 
मन का मेल छुडायेगा 
निर्मल मन के दर्पण में वह 
राम के दर्शन पायेगा 

Ram Bhagwan ke Bhakti Bhajan Song

 Song  :-Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega

 Singer:- prem bhushan ji maharaj

 Lyrics  :-



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