अजब हैरान हूं भगवन तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं भजन लिरिक्स - Ajab Hairan Hu Bhagwan Tumhe Kaise Rizau Mai Bhajan Lyrics

अजब हैरान हूं भगवन तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं भजन लिरिक्स

अजब हैरान हूं भगवन!  तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं


अजब हैरान हूं भगवन! 
तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।
न कोई चीज ऐसी है 
जिसे सेवा में लाऊं मैं ॥

करें किस तौर आवाहन कि,
तुम मौजूद हो हर जां ।
निरादर है बुलाने को,
अगर घंटी बजाऊं मैं ॥

तुम्हीं हो मूर्ति में भी,
तुम्हीं व्यापक हो फूलों में ।
भला भगवान पर,
भगवान को कैसे चढाऊं मैं ॥

लगाना भोग कुछ तुमको,
यह एक अपमान करना है ।
खिलाता है जो सब जग को,
उसे कैसे खिलाऊं मैं ॥

तुम्हारी ज्योति से रोशन हैं,
सूरज-चांद और तारे ।
महा अन्धेर है कैसे तुम्हें,
दीपक दिखाऊं मैं ॥

भुजाएं हैं। न गर्दन है,
न सीना है न पेशानी ।
तुम हो निर्लेप नारायण,
कहां चंदन लगाऊँ मैं ॥

बड़े नादान है वे जन,
जो गढ़ते आपकी मूरत ।
बनाता है जो सब जग को,
उसे कैसे बनाऊँ मैं ॥

अजब हैरान हूं भगवन! 
तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।
न कोई चीज ऐसी है 
जिसे सेवा में लाऊं मैं ॥


Bhakti Bhajan Song Details

 Song  :-Ajab Hairan Hu Bhagwan Tumhe Kaise Rizau Mai Bhajan

 Singer:- Halka ram Kushwah

 Lyrics  :-




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