मैया मोरी मै नहीं माखन खायो लिरिक्स - Maiya Mori Main Nahin Makhan Khayo Lyrics
मैया मोरी मै नहीं माखन खायो लिरिक्स
भोर भयो गैयन के पाछे,
मधुवन मोहिं पठायो ।
चार पहर बंसीबट भटक्यो,
चार पहर बंसीबट भटक्यो,
साँझ परे घर आयो ॥
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो
मैं बालक बहिंयन को छोटो,
मैं बालक बहिंयन को छोटो,
छींको किहि बिधि पायो ।
ग्वाल बाल सब बैर परे हैं,
ग्वाल बाल सब बैर परे हैं,
बरबस मुख लपटायो ॥
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो
तू जननी मन की अति भोरी,
तू जननी मन की अति भोरी,
इनके कहे पतिआयो ।
जिय तेरे कछु भेद उपजि है,
जिय तेरे कछु भेद उपजि है,
जानि परायो जायो ॥
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो
यह लै अपनी लकुटि कमरिया,
यह लै अपनी लकुटि कमरिया,
बहुतहिं नाच नचायो ।
'सूरदास' तब बिहँसि जसोदा,
'सूरदास' तब बिहँसि जसोदा,
लै उर कंठ लगायो
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो
Radha Rani Ji ke Bhakti Bhajan Song Details
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